Autobiography in hindi – क्या आपको फिल्में देखना और किताबें पढ़ना पसंद है? और क्या आपको ऐसे किरदार भी पसंद आते हैं जिनकी लाइफ में स्ट्रगल होता है, जिसमे वो हर बार इस स्ट्रगल को पार करके जीत और लोगों का प्यार हासिल करते हैं और सबके चहेते और फेवरेट बन जाते हैं। अगर आपका जवाब हां है तो आप एक बढ़िया कहानी की रूपरेखा को भी अच्छे से समझ सकते हैं जो Autobiography लिखने में काफी मददगार साबित हो सकती है।
Autobiography क्या है इसे कब लिखना चाहिए कैसे लिखा जाना चाहिए इन सारे सवालों के जवाब आपको इस आर्टिकल में मिल जाएंगे क्योंकि Autobiography लिखने से जुड़ी पूरी जानकारी मैं आपको इस आर्टिकल में देने वाला हूँ जिससे हर वो इंसान जो अपनी जिंदगी को लोगो के सामने लाना चाहता है वो इस ख्वाब को पूरा कर सके।
तो चलिए बिना देर किए हम आर्टिकल की और बढ़ते हैं और ऑटोबायोग्राफी लिखने से जुड़ी हर जरूरी बात स्टेप बाय स्टेप जानते हैं।
इस आर्टिकल में सबसे पहले मैं आपको बताऊंगा की Autobiography यानी आत्मकथा क्या होती है। autobiography in hindi, autobiography meaning in hindi.
Autobiography क्या है – Autobiography in hindi
जब किसी व्यक्ति के लाइफ की सारी घटनाओंको को उसके द्वारा एक साथ एक इंटरेस्टिंग कहानी के तौर पर लिखकर उसे लोगो के सामने पेश किया जाता है या प्रजेंट किया जाता है तो उसे Autobiography यानि जीवनी कहा जाता है।
अपने जीवन की कहानी खूबसूरती से पेश करना ही आत्मकथा कहलाता है जिसमें सभी फैक्ट्स सच हों और लेखन इतना इंटरेस्टिंग हो कि हर कोई आपकी लाइफ से जुड़ी उस किताब को पढ़ना चाहे और उसके बाद ही एक सक्सेसफुल Autobiography तैयार हो पाती है।
हर इंसान की ज़िन्दगी होती है, एक लाइफ होती है जिसमें उसके बहुत से इंसिडेंट्स और उसकी खास मेमरीज होती है और कही सारे एक्सपीरियंस भी होते हैं जिनमें कुछ अच्छे होते हैं, कुछ बुरे होते हैं, कुछ अचीवमेंट्स होती हैं, तो कुछ कंट्रोवर्सी होती है। इसके अलावा कुछ खास होता है तो कुछ बहुत ही ऑर्डिनरी भी होता है और ऐसा किसी पर्टिकुलर व्यक्ति के साथ नहीं बल्कि यह हर किसी किसी की लाइफ में होता है.
और वही पल, वही यादों को एक बुक या लेख के जरिये लोगो तक पहुँचाने को ही हम ऑटोबायोग्राफी कहते है. लेकिन जीवनी लिखने से पहले एक सवाल हमेशा ही लोगो के मन में रहता है कि Autobiography लिखने का सही समय कौनसा है और मुझे अपनी आत्मकथा लिखने की शुरुवात कब और कहासे करनी चाहिए।
आत्मकथा (जीवनी) लिखने का सही समय कौनसा है
वैसे तो आत्मकथा या जीवनी लिखने का कोई भी समय ठीक है, लेकिन यदि इंसान को ये रियलाइज हो जाए कि उसने अपने हिस्से की ज़िन्दगी पूरी जी ली है और अब उसके पास दुनिया को बताने के लिए एक ऐसी कहानी है जिसका हीरो वो व्यक्ति है और उसने लाइफ में आने वाले हर खुशी और गम के लम्हे को बखूबी जी लिया है, तब कोई भी व्यक्ति एक बढ़िया सी कहानी के रूप में अपनी आत्मकथा को लिख सकता है।
ज्यादातर जीवनी आपने देखी होगी जो लोग बूढ़ा होने पर लिखते है. क्यों की उनके पास खुदकी Autobiography लिखने की एक वजह होती है. उन्होंने करीब 30-35 साल तक इंटरेस्टिंग कहानी के रूप में जिंदगी को जिया होता है. इसलिए ज्यादातर लोग 50 साल होने के बाद ही अपने जीवन को लोगो के सामने ले आते है.
हलाकि ऐसा कोई रूल नहीं है की बूढ़ा होने पर ही जीवनी लिखी जाये। क्यों की यदि आपके जीवन में कम उम्र होने के बावजूद बहोत सारी रोचक घटनाये हुयी है तो भी आप खुदकी autobiography लिखने के और बढ़ सकते है.
Autobiography (आत्मकथा) कैसे लिखे
अब हम बात करेंगे की कैसे एक successful और लोगो के मन को छू जाने वाली आत्मकथा कैसे लिखी जाती है और उसे लिखने की स्टेप बाय स्टेप प्रॉसेस क्या होता है। अगर आप सर्च कर रहे है Autobiography in hindi निचे दिए स्टेप्स को फॉलो करें ताकि आप पूरी process समझ सके.
1. नोट डाउन करे (Write Important moments)
सबसे पहले आपको आपके जीवन में घटे इम्पॉर्टेंट इंसिडेंट्स को नोट डाउन कर लेना है।
उसके बाद आप अपनी लाइफ से जुड़ी सभी स्पेशल मोमेंट्स को याद करके एक जगह लिखना शुरू करना है। यह स्टेप बहोत ही इम्पॉर्टेंट होता है क्योंकि इस दौरान आप अपनी लाइफ को फ्लैशबैक में देखना शुरू कर देते हैं और कोशिश करते हैं कि कोई भी खास बात मिस ना हो जाए।
इस दौरान इम्पॉर्टेंट पॉइंट्स बनाते वक्त कुछ बातों का ध्यान जरूर रखें जैसे की-
- आपके जन्म से जुड़ी सभी जरूरी बातें शामिल करें।
- अपनी फैमिली हिस्ट्री का जिक्र भी जरूर करें।
- बचपन की खास इंसिडेंट्स, एजुकेशन से जुड़े किस्से और यंगस्टर के तौर पर आपकी लाइफ के स्पेशल वाकिये को जरूर लिख लें।
- कहानी को शुरू करना महत्वपूर्ण हिस्सा होता है क्यों शुरुवात में ही कहानी लोगो के मन को छू लेने वाली होनी चाहिए इसलिए कहानी को आपके जन्म से शुरू ना करके किसी और जगह से शुरू करें ताकि वो दिलचस्प लगे।
- अपनी लाइफ से जुड़े वो किस्से जरूर लिखें जिनसे आपकी लाइफ में बहुत बदलाव आए है, जिससे आप एक बेहतर इंसान बन गए।
- इसके अलावा आप अपनी वो मिस्टेक्स भी लिख सकते हैं जिसकी वजह से आपकी लाइफ बहुत ज्यादा प्रभावित हुई थी।
इस तरीके से आप अपनी लाइफ से जुड़ी हर छोटी बड़ी जरूरी बात लिख करके रख लीजिए ताकि स्टोरी बनाते समय आप किसी इम्पोर्टेन्ट पॉइंट को मिस ना करे।
2. कहानी के खास किरदारों को चुने
अब बारी आती है अपनी कहानी के खास किरदारों को चुनने की, जिनमें आपके फैमिली मेंबर्स के अलावा आपके दोस्त, कलीग्स, रिलेटिव्स और कुछ अजनबी भी शामिल हो सकते हैं।
मेन कैरेक्टर्स चुनते टाइम आप कोई ध्यान रखना है कि जो किरदार आपकी स्टोरी को खूबसूरती से आगे बढ़ा रहा है उन्हें खास महत्व दीजिए। फिर चाहे वो आपका कोई विरोधी ही क्यों न हो या फिर वह कोई आपका दोस्त हो या पार्टनर भी हो सकता है।
मेन कैरेक्टर्स चुन लेने के बाद आप स्टोरी को ऐसे कुछ पार्ट्स में डिवाइड कर सकते हैं जैसे, बचपन से जुड़े किस्से या जवानी के किस्से, नौकरी के दिनों के किस्से, आपकी उपलब्धियां और गलतियां।
इस पैर्टन को फॉलो करते टाइम, कहानी को कुछ इंटरेस्टिंग बनाने के लिए अच्छे शब्द और दिलचस्प किस्से ज़रूर कहानी के साथ जोड़े, जो हर किसी की लाइफ में होते रहते हैं।
3. खुल कर के लिखे (Write freely)
आपको इस बात को बहुत अच्छी तरीके से समझना होगा कि Autobiography का मतलब स्वयं की उपलब्धियां लिख देना या बहुत सारी तारीफें करना नहीं होता है, बल्कि पन्नों पर अपने व्यक्तित्व को इस तरीके से पेश करना होता है जिसे पढ़ने वाले को लगे कि वो आपको करीब से जानता है और आपके सुख दुख को भी वह महसूस कर रहा है।
इसीलिए कहानी लिखते समय खुलकर और ईमानदारी के साथ लिखना चाहिए। जैसे किआप अपने किसी खास दोस्त से बात कर रहे है और इस कहानी में अपनी वो सारी बातें बताइए जो आपके व्यक्तित्व को बयान करती है।
यदि आपकी खूबियों के साथ साथ आपकी खामियों को भी तो इस आत्मकथा में आप अगर अपनी लैंग्वेज (your mother tongue) में ही लिखेंगे तो खुद को बहुत अच्छी तरीके से एक्सप्रेस कर पाएंगे। इसीलिए अपनी भाषा को ही कहानी लिखते वक्त चुनिए, फिर चाहे वो कोई भी भाषा हो। क्यों की क्या पता बाद में फेमस होने पर कोई और किसी दूसरे भाषा में आपके Autobiography को लिखे जिससे आप दूसरे देशो में भी फेमस हो जाये।
4. बढ़िया रणनीति बनाइए (Make strategy)
अपनी ऑटोबायोग्राफी के लिए सभी जरूरी पॉइंट्स को मेंशन कर लेने के बाद अब जरूरत है एक रणनीति बनाने की।एक प्लान बनाने की जो आपको बताएगी कि आपकी स्टोरी कहां से शुरू होगी और इसका एंड कैसे होगा।
याद रखिए स्टोरी का स्टार्ट पार्ट और एंड पार्ट तीनों ही एक्साइटिंग इंटरेस्टिंग होने चाहिए तभी आपकी स्टोरी शुरू से एंड तक पढ़ी जाएगी, क्यों की यदि वह पढ़ने में बोर लगी या उसमे लोगो को ऐसा लगा की कहानी में कोई दम नहीं है तो लोग उसे पूरा पढ़ेंगे नहीं और उसी के साथ आपको नेगेटिव फीडबैक का भी सामना करना पड़ सकता है.
इसलिए इस बात का भी आपको ध्यान रखना होगा कि आपके स्टोरी में हर तरह का फील्ड शामिल हो सके। जैसे खुशी का गम का या जीत, हार, प्यार, विरोध और आपके सपनों का, उसी के साथ कुछ खोने का और कुछ पाने का ताकि पढ़ने वाला कभी हंस पड़े और कभी कभी उसकी आंखें पढ़ते वक्त नम भी हो जाए।
5. कहानी लिखे (How to Write Autobiography)
कहानी लिखते समय याद रखिए कि भले ही उसे इंटरेस्टिंग बनाने के लिए आप कुछ रोचक बातें और किरदार जोड़ रहे हैं लेकिन आपकी कहानी का आधार रियालिटी पर बेस्ड ही होना चाहिए।
कहानी लिखते वक्त किताबो को चैप्टर्स में आप डिवाइड कर लीजिए ताकि उसे पढ़ना और समझना बहुत आसान हो जाए। और लिखते टाइम आपको भी काफी आसानी हो सके।
अगर आपको लगता है कि आप अपनी लाइफ को अच्छे से लिखना नहीं जानते हैं तो कोई टेंशन नहीं है। आप इसके लिए किसी भी प्रोफेशनल राइटर की भी मदद ले सकते हैं जो आपके लिए कहानी को खूबसूरत रूप से पेश करे।
साथ ही इस बात का भी ध्यान रखिए कि आपकी कहानी में ऐसी कोई भी बात नहीं होनी चाहिए जो सोसाइटी को गलत मैसेज दे या फिर किसी का अपमान करे।
6. बुक एडिट करे
अपनी पूरी लाइफ को कागज के पन्नों या कंप्यूटर के फोल्डर पर बखूबी उतार लेने के बाद अब बारी आती है आपके कहानी को एडिट करने की।
इसके लिए आप अपनी कहानी को फिरसे ध्यान से पढ़िए और चेक कीजिए कि आपने अपनी लाइफ के सभी इम्पॉर्टेंट स्टेज और इवेंट्स को इसमें शामिल कर लिया है या नहीं। इसके अलावा बुक का सीक्वेंस भी चेक कीजिये की यह वैसा ही है जैसा आपने प्लान किया था. यदि आपको एडिट करने का नॉलेज नहीं है तो आप किसी कंटेंट राइटर को hire भी कर सकते है जो आपके लिए आपके स्टोरी (Autobiography) को बुक में रूपांतरित कर सके और उसे अच्छे फॉर्मेट में बना सके.
7. फीडबैक प्राप्त करे
सभी चीजे हो जाने के बाद और कहानी को अच्छे से एडिट कर लेने के बाद इसे आप अपने करीबी लोगों के साथ शेयर करे ताकि आपको सही फीडबैक मिल सके और मार्केट में जाने से पहले आप एक बार रीडर का प्वाइंट ऑफ व्यू समझ सकें।
आप इसे ऐसेही लोगो के साथ शेयर करे जो आपको सही फीडबैक दे सके, जिससे आप बुक में की गलती को सुधार सके. फीडबैक देने वाले व्यक्ति भरोसेमंद होने चाहिए इस बात का भी आपको खास ध्यान रखना है.
8. बुक को फाइनल टच दे – Final TouchUp to Autobiography in hindi
बुक्स एडिट कर लेने के बाद और सही फीडबैक प्राप्त करके गलतिया सुधारने के बाद आप किसी कॉपी एडिटर की मदद से अपनी autobiography बुक को फाइनल टच दे सकते हैं और इसकी प्रूफ रीडिंग करके अशुद्धियों से बच सकते हैं।
इसके बाद आप अपनी कहानी के लिए एक ऐसा टाइटल ढूंढिए जो आपकी कहानी को कुछ ही शब्दों में अच्छे से बयान कर सके।
आपकी हेल्प के लिए कुछ बायोग्राफी के नाम भी मैंने आपके लिए निचे शेयर किये है-
- विंग्स ऑफ फायर-डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम
- प्लेइंग इट माय वे-सचिन तेंदुलकर
- शूट एट हिस्ट्री-अभिनव बिंद्रा
- The Race of My Life-मिल्खा सिंह
- आय ऍम मलाला
ऐसी बहुत सारी ऑटोबायोग्राफी से जिनको आप रिफरेन्स के लिए पढ़ सकते हैं और एक आइडिया ले सकते हैं।
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Final Step: Autobiography books पब्लिश करना
बुक को पब्लिश करवाते टाइम यह सोच लीजिए कि आप इस बुक को किस लेवल पर पब्लिश करवाना चाहते हैं। क्यों की यदि आपने उसे अपने नेटिव लैंग्वेज में लिखा है और आप उसे दूसरे कन्ट्रीज में भी पब्लिश करना चाहते है तो इससे आपको ही बाद में नुकसान हो सकता है.
इसलिए सबसे पहले इसे अपने कुछ खास लोगों को पढ़ने के लिए दीजिये जिससे आपको एक तरह का समाधान मिल पाए की आपने एक अच्छी बुक पब्लिश की है और फिर आप उसे लोकल एरिया में पब्लिश करे और फिर बाद में ऐसे करते करते बाकि जगह पर भी पढ़ने के लिए अवेलेबल कर सकते है।
आपके खास लोगो से सही फीडबैक मिलने पर और आपकी संतुष्टि हो जाने पर आप किसी पब्लिशिंग हाउस से बुक पब्लिश करवा सकते हैं।
अगर आप चाहे तो अपनी बुक amazon या फ्लिपकार्ट जैसी ऑनलाइन ई-कॉमर्स वेबसाइट पर भी पब्लिश कर सकते हैं, इसलिए पहले से तय कर लीजिए कि आप कितनी दूरी तक आपकी कहानी या autobiography को पहुंचाना चाहते हैं जिससे आपको सही ऑप्शन चूज करने में मदद मिल सके।
अगर आप बड़े लेवल पर वो पब्लिश करवाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको अपना बजट भी काफी बड़ा रखना होगा, इसलिए यदि आप ऐसा करने वाले है तो उसके लिए आपको पहले से तैयार होगा जिससे आपको बाद में नुकसान का सामना ना करना पड़े।
आखरी सोच
किताब लिखना वो भी खुद की कहानी लिखना बहोत आसान नहीं होता, लेकिन अगर आप हर इम्पॉर्टेंट पॉइंट को याद रखते हुए और सोसाइटी के प्रति अपनी ड्यूटीज को याद रखते हुए पूरी इमानदारी से इसे लिखेंगे तो आपके लिए यह काफी आसान हो सकता है.
आपका टॉपिक How to write Autobiography in hindi, english या किसी भी अन्य भाषा मे हो सकता है. लेकिन Autobiography meaning in hindi को समझना जरूरी है.
इसमें आपका मोटिव सिर्फ प्रसिद्धि प्राप्त करना या पैसे कमाना नहीं होना चाहिए। क्यों की यदि आप ऐसा सोचकर एक autobiography लिख रहे है, तो आप कभी कभी एक अच्छे लेखक नहीं पाएंगे और फिर फेमस होना तो आपके लिए दूर की बात होगी।
इसीलिए पूरी जान लगाकर कहानी को लोगो के सामने पेश करे जिससे लोग आपकी बुक को ख़ुशी से ख़रीदे और पूरा पढ़कर आपको सही और पॉजिटिव फीडबैक दे.
उम्मीद करता हूँ आपको Autobiography क्या है – autobiography meaning in hindi और इसे कैसे लिखते है इसका आर्टिकल पसंद आया होगा.
यदि आपको यह हेल्पफुल लगा है तो आप मुझे कमेंट करके जरूर बताइये जिससे मुझे भी ऐसे आर्टिकल्स लिखने में मोटिवेशन मिल सके.
Beautiful 🥰 writing..
आप ने बहुत अच्छी तरह से समझाया है हर चीज़ को पॉइंट आउट किया है ।