क्या आपको पता है की काली दुनिया जिसे Dark Web भी कहा जाता है वो क्या है? कहा पाया जाता है, वहा पर हम कैसे पहुँच सकते है और उसके लिए हमे क्या करना चाहिए, कैसे हम डार्क वेब से safe रह सकते है? इन सभी प्रश्नो के उत्तर मैं आज इस आर्टिकल में देने वाला हूँ। जिससे इस काली दुनिया के बारे में आपके मन में कोई भी सवाल न रहे।
इंटरनेट! जो आज हमारी जिन्दगी का एक बहुत ही इम्पोर्टेन्ट हिस्सा बन चुका है, मानों इसके बिना हम सभी लोग रह ही नहीं सकते। आसान भाषा में कहे तो हम सभी लोग इंटरनेट के आदी यानि addicted हो चुके हैं। लेकिन आपको यह सुनकर हैरानी होगी की इंटरनेट जैसा हमें दिखाई देता है वैसा बिल्कुल भी नहीं है। यह एक अलग ही दुनिया है। एक काली दुनिया है जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। और मेरे ख्याल से इस कम ही जाने तो सभी के लिए बेहतर होगा।
Dark Web क्या है
जी हां दोस्तों यही इंटरनेट जिस पर हम हर रोज कुछ न कुछ सर्च करते रहते है। पर क्या आपको पता है की जो कुछ भी हम इस पर सर्च करते हैं, जो कुछ भी हम देखते हैं, जो कुछ भी हमें दिखाया जाता है वो सिर्फ इंटरनेट का 4% पार्ट है। यानी सिर्फ चार प्रतिशत भाग.
अब आप सोचेंगे कि अरे! तो बाकि 96% part कहा पे है? जैसा की मैंने कहा, इंटरनेट एक बहोत बड़ा नेटवर्क है, और इंटरनेट की दुनिया ये 96% भाग जिसके बारे में हम सभी लोग नहीं जानते। तो ऐसा क्या है 96% part में जो हमें इंटरनेट की दुनिया में नहीं दिखाया जाता और जिसे हम आसानी से नहीं ढूंढ सकते।
पर फिर भी अगर आपको जानना इंटरनेट की काली दुनिया के बारे में और इन सभी चीजों के बारे में डिटेल्स में तो इसके लिए आपको यह आर्टिकल लास्ट तक पढ़ना होगा जिससे आप इसे आसानी से समझ सको।
इंटरनेट कितने हिस्सों में बाटा गया है
इंटरनेट एक ऐसा जाल है, एक ऐसा बड़ा मायाजाल है जिसके बारे में हम सभी लोग सोच भी नहीं सकते, ना कभी कल्पना कर सकते कि इसके अंदर क्या है और क्या क्या हो रहा है।
हलाकि इंटरनेट के इस मायाजाल को मुख्यता तीन भागों में बांटा गया है। सबसे पहला है surface web, फिर आता है deep web और उसके बाद लास्ट में Dark web। तो चलिए एक एक करके जान लेते हैं इन सर्फेस, deep और dark web के बारे में जिसके बाद आपको आसानी से पता चल जाएगा कि इंटरनेट की काली दुनिया कौन सी है और इसमें क्या क्या होता है.
1. Surface Web
Dark web के बारे में जानने से पहले आपको सरफेस वेब और डीप वेब के बारे में जानना होगा जिससे आप डार्क वेब को और गहराई से समझ सकेंगे।
इंटरनेट को समझने के स्टेप में पहला आता है सरफेस वेब। यह समझने में बहुत ही आसान है। क्यों की Internet पर जो भी हमे दिखाया जाता है, या जो कुछ भी हम देखते हैं ये सारा का सारा surface web कहलाता है।
उदाहरण के लिए मान लो की आपने गूगल पर किसी टॉपिक पर सर्च किया और उस इन्फर्मेशन को पाने के लिए आपने किसी भी वेबसाइट को ओपन किया। तो उस वेबसाइट में आपको जो कुछ भी दिखाई देता है या जो कुछ भी आप देख रहे हो, वो सभी सरफेस web कहलाता है।
मतलब आसान भाषा में कहे तो गूगल सर्च इंजन में या फिर किसी भी सर्च इंजन में जो कुछ भी छोटी फाइल से लेकर बड़े वेबसाइट तक, जो भी इंडेक्स होता हैं या उस चीज को हम आसानी से गूगल पर या किसी भी सर्च इंजन पर ढूंढ सकते है वो सब Surface web होता है।
मतलब ये कि इंटरनेट की दुनिया में जितने भी वेबसाइट हैं, उनका जो भी ओनर हैं उनका जो भी मालिक है, वो हमें जो कुछ भी ऑनलाइन इन्फर्मेशन प्रोवाइड करता है पब्लिकली। जिसे एक्सेस करने के लिए हमें किसी भी तरह के परमिशन की जरूरत नहीं है और वोह लीगल है, ऑनलाइन उसे हम दुनिया में कहीं से भी किसी भी जगह से, किसी भी डिवाइस से आसानी से देख सकते हैं वो सब डेटा सरफेस वेब में आता है।
और आपको जानकर हैरानी होगी कि इंटरनेट की दुनिया में सिर्फ 4% भाग मतलब सिर्फ चार प्रतिशत भाग सरफेस है। बाकी जो 96% पार्ट है वोह एक स्पेशल पार्ट है वो डीप वेब और डार्क web है। उसे हम आगे जानेंगे ही की वो क्या होता है।
2. Deep Web
सरफेस वेब के बाद जो next part आता है वो है deep web। अब जैसे कि मैंने आपको ऊपर बताया था इंटरनेट की दुनिया में आपको जो कुछ भी दिखाया जाता है, जो इंडेक्स होता है वोह सरफेस web कहलाता है। लेकिन इसी का just उल्टा है deep web।
तो यहां पर आपको डीप वेब को एक्सेस करने के लिए आपके पास एक स्पेसिफिक यूआरएल या स्पेसिफिक एड्रेस होना बहुत ही जरूरी है। इसके अलावा आपके पास लॉगिन आईडी या पासवर्ड होना भी बहुत जरूरी है तभी आप उस फाइल को एक्सेस कर सकते हो।
Deep web में कोई भी file या फिर कोई भी वेबसाइट किसी भी तरह के सर्च इंजन में index नहीं होती है। मतलब आप किसी भी सर्च इंजन चाहे वो गूगल हो या Bing या फिर Yahoo हो। इनमे अगर आप इस तरह की फाइल को सर्च करेंगे तो आपको वहा पर कुछ भी नहीं मिलेगा क्योंकि ये जो फाइल होती है वो बहुत सेंसटिव, कॉन्फिडेंशियल होती है। इस लिए ये फाइलें गूगल पर इंडेक्स नहीं होती।
अगर आप कन्फ्यूज हो रहे है तो इसे हम एक सिम्पल उदाहरण के थ्रू इसे समझते हैं। मान लीजिए आपने फसेबूक पर किसी पेज को Like किया है और एक पोस्ट है जिसपर लांखो कम्नेट्स है, करोडो व्यूज है पर जब हम उसे गूगल पर सर्च करते है तो हमे वह स्पेसिफिक पोस्ट या कमैंट्स नहीं दिखाई देते। क्यों की वह सभी पोस्ट्स और कमैंट्स गूगल पर नो इंडेक्स होती है जिससे वह गूगल पर क्रॉल नहीं होती और सर्च रिजल्ट पर नहीं दिखाई देती।
दूसरे उदाहरण से समझे तो आप किसी एजुकेशन वेबसाइट में लॉगिन करके वहां पर अवेलेबल किसी कोर्स को लेना चाहते हो। लेकिन आप उसे कोर्स में दी हुयी इनफार्मेशन को तभी पढ़ सकते हो जब आपके पास उसे पढ़ने का एक्सेस हो या आपके पास लॉगिन Id और पासवर्ड हो।
मतलब ये कि इंटरनेट की दुनिया में कई बार ऐसा होता है कि कुछ इन्फर्मेशन को, कुछ ऐसे फाइल्स को, कुछ ऐसे सेंसिटिव डेटा को हम इंटरनेट की दुनिया में सेव करके स्टोर करके तो रखना चाहते हैं लेकिन हम यह भी चाहते हैं कि उस फाइल को उस डेटा को जोकि बहुत इम्पोर्टेन्ट है जो तभी लोगो के हात में लगे जब हम ऐसा चाहते हो।
एजुकेशन के वेबसाइट में भी अगर ओनर चाहे तो उस कोर्स को पब्लिक करके दुनिया को फ्री में दिखा सकता था लेकिन उसने इसे प्राइवेट रखा और उसे हम तभी एक्सेस कर पाएंगे जब वो चाहेगा। इसका अर्थ यह हुआ की उसने वह इनफार्मेशन या कोर्स को छुपाके रखा है और बिना स्पेशल परमिशन के हम उसे एक्सेस नहीं कर सकते।
तो दुनिया में जितने भी ऐसे पेजेस इंटरनेट पर है जो no-index है वो जो हम स्पेशल एक्सेस के बिना नहीं देख सकते, वो बेसिकली deep web में आता है।
3. Dark web
इन सभी चीजों के बाद इंटरनेट एक अलग ही दुनिया है जोकि बहुत खतरनाक और बहुत ही भयंकर हो चुकी है। जिसे Dark web या इंटरनेट की काली दुनिया कहा जाता है।
जैसा कि आपको नाम से ही लग रह होगा। dark web एक काला वेब जहां पर सिर्फ गैर कानूनी illegal काम होते हैं और डार्क वेब इंटरनेट का एक ऐसा पार्ट है जोकि पूरी तरह से illegal गैरकानूनी है।
इसे एक्सेस करने के लिए आपको एक स्पेशल browser की जरूरत होती है जिसे हम Tor Browser कहते हैं।
Note: लेकिन मैं आपको कहना चाहूंगा की यहां पर आपको जो कुछ चीजें मैं बता रहा हूँ वो एक एजुकेशन के तौर है। इसलिए कभी भी गलती से भी डार्क वेब को एक्सेस करने की कोशिश ना करें। यह illegal है, बहोत ही खतरनाक है और एक बार आप इसमें फस जाओ तो आसानी से बाहर नहीं निकल सकते। इसलिए इसे सिर्फ जानकारी के तौर पर पढ़े और इससे एक्सेस करने की कोशिश ना करे।
अब सवाल उठता है कि ऐसा क्या काम होता है Dark web में जिससे यह पूरी तरह से illegal है।
यहाँ पर निचे दिए हुए सभी illegal काम होते है-
- ड्रग्स या कोकीन बेचना।
- सभी तरह के हतियार ऑनलाइन बेचना या खरीदना।
- या फिर किसी का मर्डर करवाना हो शूटर हायर करना हो।
- यहां तक की आप जिसे मरवाना चाहते हो उसे किस तरीके से मरवाना चाहते हो उसी के हिसाब से pay करना पड़ता है। जैसे हेडशॉट या टॉचर करने मरवाना, पॉइज़न से मरवाना और भी बहोत कुछ
- किसी के हात, पैर लाइव काटना, लाइव मर्डर करवाना। इसे डार्क वेब की दुनिया मे Red rooms कहा जाता है।
- लडकीया बेचना खरीदना, चाइल्ड पोर्नोग्राफी etc.
- यहाँ तक की आप किसी को हैक करना चाहते हो। फिर चाहे वो किसी का अकाउंट हो या कोई बड़ी बैंक। यहां पर वेबसाइट में आपको १००% काम पूरा होने की गारंटी भी दी जाती है।
तो यहां पर जितने भी गैरकानूनी काम होते है, इललीगल काम होते हैं वो सारा का सारा इस dark web के अंदर होता है। और यहां पर जितने भी पैसों का लेनदेन होता है वो बिटकॉइन की थ्रू ही होता है क्यों की अगर गलतीसे से भी आपने यहां अपनी पर्सनल इनफार्मेशन डाली या क्रेडिट, डेबिट कार्ड डिटेल डाली तो आपको पता भी नहीं चलेगा की कब आप कंगाल हो चुके हो।
जैसा की मैंने ऊपर कहा किसी को हथियार खरीदना है किसी को हथियार बेचना हो या फिर किसी को कोकीन खरीदना या बेचना है ये सारे जो इललीगल काम होते है वो सभी इस dark web के अंदर होटी है। इसलिए इससे जितना आप दूर रहेंगे उतना आपके लिए बेस्ट है। और इसे बस इंफॉर्मेशन के लिए रखो ये आपके लिए यही अच्छा होगा।
Dark Web कैसे काम करता है
डार्क वेब आम वेबसाइट के मुकाबले बहोत ही अलग काम करता है क्यों की इसके लिए आपको इसे एक्सेस करने के लिए स्पेशल ब्राउज़र की जरूरत होती है। अगर आप डार्क वेब में मौजूद कोई भी वेबसाइट को नॉर्मल ब्राउज़र पर ओपन करने की कोशिश करेंगे तो यह कभी सर्च नहीं होगी। क्यों की जैसा की मैंने कहा इसे एक्सेस करने के लिए आपको एक प्राइवेट ब्राउज़र की जरूरत होती है।
डार्क वेब पर मौजूद वेबसाइट को एक्सेस करने के लिए Tor ब्राउज़र का इस्तेमाल किया जाता है। basically Tor ब्राउज़र सेफ ब्राउज़िंग के लिए बनाया गया था जिससे आप आसानी से अपने सिस्टम के IP Address को छुपा सको। यह ब्राउज़र अमेरिकी सेना के लिए बनाया गया था जिसका उद्देश्य बाहरी देशो के hacker से बचके privately संदेश भेजने का था।
2002 के इनिशियल रिलीज़ के बाद इसका इस्तेमाल कुछ ही सालो में 100 गुना बढ़ गया। ज्यादा तर माफिया, गैंगस्टर्स इसका इस्तेमाल हतियार, ड्रग्स बेचने के लिए करने लगे और अब तो इस पर नियंत्रण पाना बहोत ही मुश्किल हो गया है क्यों यहाँ पर मौजूद वेबसाइट को track करना बहोत ही मुश्किल होता है।
डार्क वेब पर मौजूद सभी illegal गैरकानूनी वेबसाइट को .onion डोमेन कोड होता है जिससे इसकी पहचान होती है। जैसे हमारे यहां .com .net .in हॉते है वैसे ही वहा पर .onion के नाम से वेबसाइट होती है।
Tor पर नॉर्मल वेबसाइट भी होती है पर वह ज्यादातर मोटिवेशनल चीजों से भरी होती है जिनका उद्देश्य इस काली दुनिया से लोगो को बाहर निकालना होता है।
पर जैसा की मैंने कहा एक बार अगर आप इसमें घुस गए तो बाहर निकलना नामुमकिन हो जाता है। क्यों की यह जुर्म की वोह काली दुनिया है जो हमे अपनी और खींचती है और हर कोई उसमे फस जाता है।
Dark Web को access करने से पहले की जरूरी चीजे
इस डार्क वेब को एक्सेस करने से पहले आपको आपके मोबाइल फ़ोन या कंप्यूटर की कुछ जरुरी सेटिंग्स करनी होगी जिससे आप Tor पर safe ब्राउज़िंग कर सकेंगे-
1. Tor पर ब्राउज़िंग करने के लिए आपको एक secured VPN यूज करने की जरूरत होगी जिससे आप अपनी असली लोकेशन को छुपा सको। इसके लिए आप किसी भी पॉपुलर vpn service का इस्तेमाल कर सकते है जैसे Nord VPN, HideMyIp, Strong VPN etc.
2. अगर आप कंप्यूटर का इस्तेमाल कर रहे है तो आपके antivirus में जाकर Safe browsing mode को enable रखे। और यदि आप मोबाइल का इस्तेमाल कर रहे है तो Mobile सेटिंग में जाकर या किसी भी App के जरिये stored cookies क्लियर करके एक VPN App को रन करके फिर Tor ब्राउज़र का इस्तेमाल करे।
3. Tor ब्राउज़र को उसकी ऑफिशियल वेबसाइट से ही डाउनलोड करे नही तो आपके सिस्टम में वायरस आने की संभावना बढ़ सकती है।
Tor official website – https://www.torproject.org/download/
4. अगर आप Tor की किसी भी वेबसाइट में लॉगिन करना चाहते है तो अपनी ओर्जिनल इनफार्मेशन कभी न डाले।
5. कंप्यूटर पर Tor का इस्तेमाल कर रहे हो तो सभी ब्राउज़र की history को क्लियर करे और फिर Tor में सर्फिंग करे।
6. Tor को Install करने का तरीका हर एक ब्राउज़र को इनस्टॉल करने के तरीके जैसा ही होता है इसलिए इसके लिए आपको कोई अलग चीज करने की जरूरत नहीं होगी। आप आसानी उसे डबल क्लिक करके इनस्टॉल कर सकते हो।
Dark Web को कैसे एक्सेस करे
डार्क वेब क्या है और इससे कैसे Safe रहना है यह जानने के बाद हम इसे किस तरह से Securely एक्सेस करना है इसके बारे में हम जानेगे।
Step 1: Tor को official वेबसाइट से डाउनलोड करने के बाद उसकी डाउनलोड हुयी फाइल पर डबल क्लिक करके इनस्टॉल कर ले।
Step 2: इनस्टॉल करने के बाद ब्राउज़र को ओपन करने से पहले बाकि Chrome, Firefox या जो भी आप यूज करते हो उसकी पूरी हिस्ट्री को क्लियर करे। और सभी running application को क्लोज करे। यह बात मोबाइल यूजर्स के लिए भी लागु होती है।
Step 3: Tor पर ब्राउज करने के लिए वहा पर भी गूगल की तरह ही सर्च इंजन होते है जिसका आप इस्तेमाल कर सकते हो। जैसे Torch, DuckDuckGo, Onion Dir etc.
Step 4: सर्च करते समय अगर आपको कोई भी .onion नाम की वेबसाइट मिलती है तो उसे गलतीसे भी ना ओपन करे क्यों की वह गैरकानूनी होती है। पर फिर भी आप अपने रिस्क पर उस तरह की वेबसाइट को ओपन कर सकते हो।
Step 5: सर्चिंग के लिए आपको किसी स्पेशल परमिशन की जरूरत नहीं होती है आप फ्रीली उस पर जो चाहे वोह ढूंढ सकते हो पर मेरे ख्याल से ऐसा ना करो बेहतर होगा क्यों की ज्यादा तर चीजे वायरस भरी होती और वह आपके लिए नुकसान दायक हो सकती है।
Note: यहाँ पर कुछ ऐसी वेबसाइट भी है जहा हमारा वेबकेम या कैमरा औटोमाटिकली ON हो जाता है और हमे पता भी नहीं चलता की कब हमारी वीडियो रिकॉर्डिंग हो गयी है। इसलिए अपना चेहरा हो सके तो छुपाकर रखे।
अगर आपको हमारा यह Dark web का आर्टिकल अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ या सोशल मीडिया पर शेयर करे जिससे सभी को इसके बारे में डिटेल में जानकारी मिल सके।
Dark web ke bare me pahli baar pata chala…
Thank you yeh jankari itne achhe se batane ke liye🙏🙏🙏
Amazing !!! Dark Web ke bare me bahut acchi jankari hai, is artical se maine Internet ke bare Mai bahut kuch sikha.