• Skip to primary navigation
  • Skip to main content
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer

Discoverinhindi

हिंदी मे जानिये

  • Shop
  • Tools
    • App Policy Generator
    • LSI Keyword Generator
    • Word Counter
    • Branch Locator
  • ब्लॉगिंग
    • Blogging
    • Blogger
    • Blogger Widget
    • Domain Purchase
    • Adsense
    • SEO
  • WordPress
  • More
    • Education
    • Internet Seva
    • पैसे कैसे कमाए
    • Technology
    • Computer
    • Shayari Website
  • Top Hindi Blogs

National Education Policy in India 2020 | हिंदी मे पूरी जानकारी

What is New National Education Policy in India? अगर आप भी इंडियन एजुकेशन सिस्टम से कुछ ऐसी expectations रखते आए हैं या कुछ ऐसी उम्मीदें रखते आये है जिसमें आप Science, Arts और Commerce की इस स्ट्रीम में बंधने की बजाय अपनी पसंद की कोई भी सब्जेक्ट, किसी भी स्ट्रीम से ले कर भी पढ़ सकते हों तो वाकई अब आपकी उम्मीदें ये सपने इस New education policy के चलते पूरे होने वाले हैं।

इस Education policy में अगर आपकी स्कूलिंग कंप्लीट हो गई हो तो भी आप इसका कॉलेज में बेनिफिट ले सकते हैं। और अगर आपकी एजुकेशन पूरी हो गई है तो भी कोई बात नहीं क्यों की एजुकेशन कम्पलीट हो जाने के बाद आप इसका बेनिफिट तो नहीं ले सकेंगे पर आप नई जनरेशन के लिए खुश हो सकते हैं जो स्कूल और कॉलेजेस में इस पॉलिसी के एडवांटेज ले पाएगी।

इस पॉलिसी के जरिए हमारे देश का एजुकेशन सिस्टम भी बाकि countries की तरह काफी ब्रॉड और अडवांस हो जाएगा। ये न्यू एजुकेशन पॉलिसी स्टूडेंट्स के इंटरेस्ट, टैलेंट और स्किल्स पर बेस्ड है तो ऐसे में भले ही आप स्टूडेंट हों पेरेंट्स हों या फिर टीचर।  इस नई एजुकेशन पॉलिसी के बारे में आपको जरूर जानना चाहिए ताकि आप एजुकेशन के इस एक्साइटिंग journey के लिए खुद को तैयार भी कर पाएं और अपडेटेड भी बने रहे।

आज आर्टिकल में मैं आपको New National Education Policy 2020 यानि की NEP से जुड़ी सारी इम्पॉर्टेंट जानकारियां देने वाला हूँ इसलिए इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़े। तो चलिए शुरू करते हैं और सबसे पहले हमारे देश की नई शिक्षा नीति यानी National Education Policy से जुड़ी कुछ बेसिक बातें जानते हैं।

national education policy kya hai

All headings show
1 National Education Policy क्या है
2 National Education Policy का Pattern
2.1 1. Fundamental Stage (शुरुवात के 5 साल)
2.2 2. Preparatory Stage (2nd Stage)
2.3 3. Middle Stage (मिडल स्टेज)
2.4 4. Last Stage (सेकेंडरी एजुकेशन स्टेज)
2.5 National Education Policy से जुड़ा ECCE फ्रेमवर्क
2.6 Higher Education के लिए New Education Policy Changes

National Education Policy क्या है 

एजुकेशन पॉलिसी साल 2020 में आने से पहले साल उन्नीस सौ 86 यानी 1986 में आई थी यानी 34 साल पहले उसमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाई गई थी । इसके बाद नैशनल एजुकेशन पॉलिसी में कई बार चेंजेस तो हुए लेकिन पिछले तीन दशकों से शिक्षा नीति में कोई बड़ा चेंज नहीं हुआ है।

1. साल 2020 में 34 साल बाद हमारे देश भारत की शिक्षा नीति में इतने बड़े स्तर पर बदलाव हुए हैं कि इस नई एजुकेशन पॉलिसी को रेवोल्यूशनरी एजुकेशन पॉलिसी भी कहा जा सकता है।

2. न्यू नैशनल एजुकेशन पॉलिसी स्कूल में बच्चे के एडमिशन से लेकर कॉलेज के एजुकेशन कंप्लीट करने तक के प्रोसेस में बहुत से पॉजिटिव और प्रोग्रेसिव चेंजेज लेकर आई है।

3. इस पॉलिसी के तहत अब HRD यानी Human resource developement मिनिस्ट्री का नाम बदलकर Ministry of Education कर दिया गया है।

4. इस न्यू एजुकेशन पॉलिसी में जीडीपी का 6 प्रतिशत हिस्सा एजुकेशन सेक्टर पर खर्च करने का टारगेट भी रखा गया है। फिलहाल 4.43 प्रतिशत बजट ही एजुकेशन पर खर्च किया जाता है।

National Education Policy का Pattern

इस न्यू एजुकेशन पॉलिसी के लागू होने के बाद स्कूल एजुकेशन का पैटर्न कैसा हो जाएगा आइए इसे समझते हैं।

इस पॉलिसी के आने के बाद स्कूल एजुकेशन का पैटर्न पूरी तरीके से बदल जाएगा। अभी तक स्कूल एजुकेशन 10 + 2 पर बेस्ड थी लेकिन अब इस नए सिस्टम में एजुकेशन को 5 + 3 + 3 + 4 स्टेज में बांट दिया गया है।

Old Education System: 10 + 2

New Education System: 5 + 3 + 3 + 4

अभी हम नए पॉलिसी के stages के बारे में विस्तार से जानते हैं।

1. Fundamental Stage (शुरुवात के 5 साल)

सबसे पहला स्टेज है फंडामेंटल स्टेज । इस स्टेज में स्कूल के पहले पांच साल आते हैं जिनमें से शुरुआती तीन साल बच्चे आंगनबाड़ी, बालवाड़ी या प्री स्कूल में पढ़ेंगे। इस दौरान उनकी Age 3 से 6 साल तक होगी।

अगले दो साल में बच्चे फर्स्ट और सेकंड क्लास की पढ़ाई करेंगे। इन क्लासेज में पढ़ने वाले बच्चों की उम्र 6 से 8 साल होगी । ये एजुकेशन equity based learning होगी जिसमें बच्चों में खेल के जरिए नई स्किल्स को डेवलप कराया जाएगा।

इस स्टेज पर एक बड़ा चेंज ये देखने को मिलेगा कि अभी मौजूद पैटर्न में आंगनबाड़ी या बड़े स्कूल में बच्चे 2 साल रहते हैं जबकि नए पैर्टन में ये ड्यूरेशन 3 साल हो जाएगी।

2. Preparatory Stage (2nd Stage)

दूसरी स्टेज है प्रिपरेटरी स्टेज। इस स्टेज में स्कूल एजुकेशन के 3 साल आएंगे जिनमें बच्चा तीसरी से पांचवीं (3rd to 5th) क्लास तक पढ़ेगा और इस दौरान उसकी उम्र 8 से 11 साल तक होगी।

इस स्टेज में बुक्स पर ज्यादा जोर देने की बजाय बच्चों को Interactive Learning और Activity Based Education दी जाएगी।

3. Middle Stage (मिडल स्टेज)

अब आगे हम जानते हैं थर्ड स्टेज के बारे में जो है मिडल स्टेज। यह स्टेज भी 3 साल की होगी जिसमें स्टूडेंट क्लास सिक्स्थ से एट तक की पढ़ाई करेगा और इस दौरान उसकी उम्र 11 से 14 साल होगी।

इन क्लासेज में स्टूडेंट को maths, science, arts, social science और humanity की एजुकेशन दी जाएगी जो Experiment Based Learning होगी यानी स्टूडेंट्स को किताबें रटकर एग्जाम पास करने की बजाए एक्सपेरिमेंटल यानी की Practical करके खुद सीखने का मौका मिलेगा।

क्लास 6th की एजुकेशन की बात की जाए तो इसमें इंटर्नशिप भी शामिल होगी। उदाहरण के तौर पर सिक्स्थ (6th) क्लास का स्टूडेंट कंप्यूटर कोडिंग (Programming language) सीख सकेगा।

4. Last Stage (सेकेंडरी एजुकेशन स्टेज)

इसके साथ आगे बात करते है स्टेज नंबर 4 की जिसे कहते हैं सेकेंडरी स्टेज या लास्ट स्टेज। 4 साल के इस स्टेज में क्लास 9th  से class 12th तक को रखा गया है। इस दौरान स्टूडेंट की age 14 से 18 साल रहेगी।

इन क्लासेस में स्टूडेंट्स पर Best Performance का जो प्रेशर रहता है वो इस नई पॉलिसी में काफी कम हो जाएगा क्योंकि इस पॉलिसी के जरिए स्टूडेंट्स को मल्टी डिसिप्लिनरी स्टडी का चांस मिल पाएगा जिसके जरिए स्टूडेंट्स अपने पसंद के सब्जेक्ट्स को चूज कर पाएंगे।

इसका अर्थ यह है की वे अपने इंट्रेस्ट के सब्जेक्ट्स को flexible स्टडी पैटर्न की मदद से पढ़ पाएंगे। कहने का मतलब ये कि अगर स्टूडेंट साइंस के साथ म्यूजिक की पढ़ाई करना चाहता है तो वो साइंस के साथ म्यूजिक सब्जेक्ट को भी ले सकता है।

इस तरह हर स्ट्रीम में अपने फेवरिट सब्जेक्ट्स को पढना पॉसिबल हो जाएगा। यहां पर आपको New National Education Policy का ये 5 + 3 + 3 + 4 स्कोर पैर्टन समझ में आ ही गया होगा जिसमे शामिल है 5 साल की फंडामेंटल स्टेज, 3 साल की preparatory स्टेज, 3 साल के मिडिल स्टेज और 4 साल के सेकेंडरी स्टेज।

National Education Policy से जुड़ा ECCE फ्रेमवर्क

इसी के साथ आगे बढ़ते हैं और समझते हैं ECCE फ्रेमवर्क के बारे में भी। क्यों की यह स्कूल एजुकेशन में हुए चेंजेस से जुड़ा हुआ है, इसलिए इसके बारे में भी हम थोड़ा जान लेते है।

ECCE का फुल फॉर्म है Early Childhood Care and Education। इसमें बच्चों को एजुकेशन देने के साथ उनकी केयर भी की जाएगी जिसके लिए टीचर्स को स्पेशल ट्रेनिंग मिलेगी।

इस फ्रेमवर्क के अनुसार तीन से आठ साल के बच्चों को दो कैटेगरी में बांटा गया है जिससे इस पैटर्न को समझने में आसानी हो।

  1. फर्स्ट कैटिगरी में 3 से 6 साल तक के बच्चे होंगे जो ECCE के तहत एजुकेशन लेंगे।
  2. सेकंड कैटिगरी में इसके बाद 8 साल के होने तक बच्चे प्राइमरी में पढ़ेंगे।

हालांकी इस न्यू पॉलिसी में और भी बहुत से बड़े चेंजेस हुए हैं जैसे क्लास 10th और 12th के बोर्ड एग्जाम्स पैटर्न में बदलाव किया जाएगा, जिससे स्टूडेंट को रटकर एग्जाम देने के लिए कोचिंग के प्रेशर में नहीं पड़ना होगा। अब इन एग्जाम्स का पैटर्न ऑब्जेक्टिव और डिस्क्रिप्टिव में बदला जाएगा ताकि स्टूडेंट्स की नॉलेज का टेस्ट लिया जा सके और उनके लिए बोर्ड एग्जाम्स easy हो सके।

न्यू एजुकेशन पॉलिसी लागू होने के बाद एग्जाम साल में दो बार होंगे। बोर्ड एग्जाम्स के लिए एक नया National Assessment Centre – परख भी स्थापित किया जाएगा। कम से कम क्लास 5th तक के बच्चों की पढ़ाई मातृभाषा स्थानीय भाषा या क्षेत्रीय भाषा में हो सकेगी।

इस पॉलिसी के अनुसार स्कूल एजुकेशन में Artificial Intelligence, Design Thinking, Holistic Health जैसे कंटेम्प्ररी सब्जेक्ट्स भी इंक्लूड किए जाएंगे और ट्रेडिशनल इंडियन वैल्यूज और कॉन्स्टिट्यूशन वैल्यूज की जानकारी देने वाले कॉन्टेंट को भी करिकुलम में शामिल किया जायेगा।

इसे जरूर पढ़े

  • Artificial Intelligence क्या हैं? Explain With Examples

अब स्टूडेंट्स स्कूल और कॉलेज में संस्कृत भाषा को एक ऑप्शन के तौर पर चुन सकेंगे। कई Foreign Language को भी सेकंडरी एजुकेशन लेवल पर एक ऑप्शन के रूप में चुना जा सकेगा। इंडियन Sign लैंग्वेज को सेंट्रलाइज्ड भी किया जाएगा।

Higher Education के लिए New Education Policy Changes

तो आइए अब ये जानते हैं कि Higher Education के लिए New education policy 2020 क्या चेंजेस लेकर आई है।

इस नई पॉलिसी में साल 2035 तक हायर एजुकेशन के gross enrolment ratio को 50% यानि की 50 प्रतिशत तक पहुंचाने का टारगेट रखा गया है। कॉलेज इसमें मल्टिपल एंट्री और एग्जिट का ऑप्शन भी दिया जाएगा। ये आप्शन स्टूडेंट्स के लिए बहुत ही beneficial साबित हो सकेगा।

हम इसे इस तरीके से समझते हैं। जैसे की अंडरग्रैजुएट कोर्सेज तीन से चार साल के होते हैं। अभी तक एजुकेशनल सिस्टम के अनुसार अगर आप किसी भी रीजन से कोर्स की पूरी पढ़ाई नहीं कर पाए और आपको कोर्स के पहले या दूसरे साल में ही पढ़ाई छोड़नी पड़ी तो आपके लिए उसकी वैल्यू zero हो जाती है लेकिन इस नई पॉलिसी की मदद से आप अपनी पढ़ाई को वैल्यू दिला पाएंगे।

क्योंकि अगर इस तीन से चार साल के कोर्स में आप पहले साल पर पढ़ाई छोड़ते हैं तो आपको सर्टिफिकेट मिलेगा। दो साल तक ही पढ़ पाते है तो डिप्लोमा मिलेगा, तीन साल पर ग्रेजुएशन की डिग्री और 4 साल पुरे करने पर research based graduation मानी जाएगी। देश के टेक्निकल institution में अब इंजीनियरिंग के साथ साथ arts और humanity subjects भी शामिल होंगे।

देश के सभी Institutes में एडमिशन के लिए एक कॉमन entrance test होगा। हालाकी यह स्टेज सभी स्टूडेंट्स के लिए ऑप्शनल रहेगा। स्टूडेंट्स अब रीजनल लैंग्वेज में भी अपने मन चाहे कोर्स कर सकेंगे।

एक National Academic Credit Bank (NAC-Bank) बनाया जायेगा जिसमे recognised higher education में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स के academic क्रेडिट्स भी जमा किये जांयेंगे। ये प्रोसेस आटोमेटिक होगा और स्टूडेंट्स के क्रेडिट्स का इस्तेमाल स्टूडेंट किसी भी academic program के लिए कर सकेगा।

Law और Medical education को छोड़कर बाकि सभी higher education के लिए The Higher Education Commission of India (HECI) बनाया जायेगा जो UGC की जगह लेगा। NCTE, NCERT की मदद से Teachers के लिए एक नया National Curriculum Structure तयार कीया जायेगा।

इस नयी पॉलिसी के अनुसार अब पढ़ाने के लिए मिनिमम क्वालिफिकेशन 4 Year इंटीग्रेटेड B-Ed Course होगा। हमारे देश की standard को रखने के लिए अब दूसरे देशो की Top Universities को भारत मे bhi अपनी ब्रांच खोलने की अनुमति दि जाएगी।

उम्मीद करता हूँ आपको New National Education Policy 2020 के बारे मे पूरी जानकारी प्राप्त हो गयी होगी। और माना जा रहा हैं की यह एजुकेशन सिस्टम आने वाले कुछ सालो मे हमारे देश मे लागु भी की जाएगी। आशा करता हूँ यह एजुकेशन पॉलिसी जल्द ही लागु हो और सभी स्टूडेंट्स को इसका फायदा मिले जिससे हमारा भारत भी बाकि developed countries की तरह एजुकेशन मे उचांई पर पंहुच सके।

अगर आपको लगता हैं की कोई भी जानकारी यहां मैंने मिस कर दि हैं तो हमें कमेंट मे जरूर बताये और यदि आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आयी हो तो इससे सोशल मीडिया या अपने दोस्तों के ज्यादा से ज्यादा शेयर करें जिससे सभी लोगो को इस पॉलिसी के बारे मे पता चले।

Related Posts

  • मोबाइल नंबर से लोकेशन कैसे पता करें
  • Augmented Reality क्या है और कैसे काम करता है
  • Dark Web क्या है और यह क्यों खतरनाक है
  • Instagram Reel क्या हैं? Instagram Reel Video कैसे बनाये

Filed Under: Technology Tagged: National Education Policy, National Education Policy in Hindi, National Education Policy in India, what is National Education Policy

Reader Interactions

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Primary Sidebar

Search by Topics

  • Adsense
  • Blogger
  • Blogger Widget
  • Blogging
  • Business Tips
  • Computer
  • Domain Purchase
  • Education
  • Internet Seva
  • Investment
  • latest-movies
  • Lifehacks
  • movie release
  • SEO
  • Technology
  • Wiki
  • WordPress
  • पैसे कैसे कमाए

Recently Updated

  • HDFC bank full form in Hindi | HDFC full form
  • LPG Full Form in Hindi – एलपीजी का फुल फॉर्म क्या है
  • NCR Full Form in Hindi – NCR क्या है और इसमें आने वाले क्षेत्र
  • NABARD Full Form in Hindi – नाबार्ड क्या है और इसके कार्य
  • IAS Full Form in Hindi – आईएएस का फुल फॉर्म क्या है और कैसे बने
  • RIP Full Form in Hindi – रिप का फुल फॉर्म क्या है
  • Full Form of OK | ओके का फुल फॉर्म क्या है
  • Full Form of India – इंडिया का फुल फॉर्म
  • CCTV Full Form in Hindi – सीसीटीव्ही का फुल फॉर्म क्या है
  • AM and PM Full Form | What is AM PM Full Form in Hindi

Footer

Contact | Privacy Policy | About | Disclaimer

Copyright © 2021  Discoverinhindi.in . Get in Touch.