Nabard Full Form in Hindi – NABARD का फुल फॉर्म “National Bank For Agriculture and Rural Development” है जिसे हिंदी में ‘राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक’ कहा जाता है. इसका मुख्यालय मुंबई महाराष्ट्र में स्थित है. NABARD की स्थापना सन 1982 में ग्रामीण विकास और बैंक के जरिये गरीबी हटाने के लिए की गई थी. इस आर्टिकल में हम आपको नाबार्ड से जुड़े सभी जानकारी प्रदान करेंगे और इसके कार्य के बारे में भी विस्तार में बताएँगे.
Nabard Full Form in hindi – नाबार्ड क्या है
नाबार्ड का फुल फॉर्म है नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट है जिसका मूल उद्देश्य ग्रामीण और कृषि इलाको में ऋण के लिए पैसा उपलब्ध कराना है. यह बैंक ग्रामीण क्षत्र में रहने वाली सभी छोटी बड़ी बैंक्स को खेती से जुडी चीजो के लिए पैसा देता है. यह पैसा सीधे लोगो को ना देकर बैंक को पहुंचाता है और बैंक उन पैसो का उपयोग ऋण देने के लिए करती है. हलाकि बैंक्स को नाबार्ड को इसका ब्याज देना पड़ता है, लेकिन यह बहोत ही कम होता है.
NABARD के कही जगह कार्यालय है और इसमें कही तरह के विभाग होते है. यह एक बैंक होने के कारण इसपर भी RBI का नियंत्रण होता है. वर्तमान में NABARD के चेयरमैन (अध्यक्ष) G R Chintala है जो 2020 से इसपर कार्य कर रहे है.
History of NABARD – नाबार्ड का इतिहास
RBI के स्थापना के बाद बैंक पर कोई भी निर्बंध नही थे. सब बैंक्स अपने हिसाब से बैंक का कार्य चला रही थी जिस वजह से उनके डूबने का काफी खतरा था. और RBI के नियत्रण के बावजूद भी बैंक का दिवाला निकल रहा था क्यों की वो अपने हिसाब से लोगो को ऋण देते थे और फिर लोगो द्वारा इतनी वसूली नही हो रही थी. बैंक के पास भी और कर्जा उपलब्ध कराने के लिए पैसा कम ही बचता था. इसलिए RBI ने ग्रामीण और कृषि क्षेत्र के नियमन के लिए, पैसा उपबल्ध होने के लिए कोई संस्था या बैंक होनी चाहिए इसके बारे में सोचा.
तब Agricultural Refinance and Development Corporation (ARDC) कृषि विभाग को संभालता था जो की पूरा नही था इसलिए RBI ने कृषि वित्त से अपने आप को दूर रखने का फैसला लिया.
इसके बाद शिवरामन समिति बिठाई गई और उनके शिफारस को सरकार ने मंजूर कर लिया. 12 जुलाई 1982 को नाबार्ड का गठन किया गया. वर्तमान में डॉ. जी. आर. चिंतला (Dr. G.R. Chintala) 27 मई 2020 से राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के अध्यक्ष हैं.
NABARD एक वित्तीय संस्थान है जो ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए बनाया गया है. यह भारत के ग्रामीण इलाको के किसानो के वित्तीय जरुरतो को पूरा करने के लिए मूल रूप से जिम्मेदार है.
नाबार्ड की निम्नलिखित जिम्मेदारिया है-
- नाबार्ड ग्रामीण बैंक को कृषि क्षेत्र के लिए पुनर्वित्त प्रदान करता है.
- यह कृषि विभाग के विकासात्मक गतिविधियों से संबंधित है
- यह उन संस्था को पुनर्वित्त देता है जो ग्रामीण क्षेत्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करते हैं.
- नाबार्ड के जरिये ऐसे संस्थाओ को ऋण उपलब्ध करने के लिए और उसका नियमन करने के लिए प्रशिक्षण देती है.
- यह ग्रामीण विकास के उद्देश्य के लिए कार्यक्रम आयोजित करती है.
- RRB के नियमन और प्रशिक्षण के लिए नाबार्ड महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.
- इसके साथ नाबार्ड राज्य सहकारी बैंकों (SCBs), जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों (DCCB) और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRBs) की देखरेख करता है.
aapanen bahut badhiya jankari di hai