क्या आपको पता है के share market में इन्वेस्ट करने के लिए यूज किये जाने वाले शेयर क्या है और वह क्यों जारी किये जाते है? इस टुटोरिअल में हम शेयर की हिंदी में जानकारी देखेंगे – Share meaning in hindi.
पूँजी बाजार (Capital market) एक वित्तीय बाजार है जिसमें दीर्घकालिक प्रतिभूतियों को खरीदा और बेचा जाता है. इस बाजार मे निवेश करने के कई तरीके होते हैं, जैसे—Share, बॉन्ड्स, डिबेंचर, म्यूचुअल फंड या निवेश की अन्य प्रतिभूतियाँ (सिक्यूरिटीज) इत्यादि।
प्रत्येक प्रकार के निवेश की कुछ विशेषताएँ, लाभ, उद्देश्य व कारण होते हैं। निवेश के इन विभिन्न तरीकों में शेयर द्वारा शेयर बाजार में किया गया निवेश (Investment) सर्वाधिक लोकप्रिय व आम है।
आज के इस आर्टिकल मे हम जानेंगे की Share market मे Investment करने के लिये जो शेयर खरीदे जाते हैं, उसका मतलब क्या हैं यानी share in hindi और यह कंपनी द्वारा मार्केट मे क्यों जारी किये जाते हैं.
शेयर का हिंदी में अनुवाद करें तो इसका अर्थ होता है—बाँटना या (डिवाइड करना)। वास्तव में यह प्रक्रिया बाँटने की ही है। दरअसल शेयर किसी कंपनी में आंशिक भागीदारी (स्वामित्व) प्राप्त करने का तरीका है। किसी कंपनी के शेयर खरीदने का तात्पर्य यह है कि व्यक्ति उस कंपनी का आंशिक हिस्सेदार बन रहा है।
इस प्रकार के निवेश में कंपनी की हिस्सेदारी से जुड़कर लोगो को फायदे होते हैं तो कंपनी के व्यापार से जुडने पर कुछ खतरे भी शामिल होते हैं।
कंपनी के शेयर को खरीदना तथा बेचना निवेश (Investment) की गतिविधियों मे से एक हैं। जो व्यक्ति किसी कंपनी का शेयर खरीद लेता है, तब वह उस कंपनी का ‘शेयर होल्डर’ कहलाता है।
दूसरे शब्दों में, शेयर की खरीदारी को ‘इक्विटी की खरीदारी’ भी कहा जाता है तथा शेयर होल्डर को इक्विटी होल्डर या इक्विटी शेयर होल्डर भी कहा जाता है।
तो यदि आप शेयर की जगह ‘इक्विटी’ व ‘स्क्रिप्स’ शब्द सुनें तो भ्रमित होने की जरूरत नहीं है; क्योंकि तीनों का अर्थ एक ही है। इसलिए शेयर को हमेशा कंपनी के साथ जोड़कर समझा जाना चाहिए।
निवेशक क्या हैं (What is Investor)
इस टर्म के बारे मे शायद आपने सुना ही होगा क्यों की share market मे इनका अहम हिस्सा होता हैं. आपको इसमें ज्यादा कंफ्यूज होने की कोई जरूरत नहीं क्यों की निवेशक के बारे मे आपको मैं अब बताने वाला हूँ की यह कौन होते हैं.
निवेशक यानी Investor, ये वोह लोग होते हैं जो shares को खरीदते हैं और कंपनी मे निवेश करके शेयर्स को बेच देते हैं. मतलब की जो लोग शेयर्स की खरेदी बिक्री करते हैं उन्हें Investors कहा जाता हैं.
यदि आप भी किसी share को खरीदते हैं और लम्बे समय तक अपने शेयर्स को market मे नहीं बेचेंगे और ज़ब share की प्राइज बढ़ने पर उसे बेचकर प्रॉफिट कमाएंगे तो आपको भी share market की टर्म मे निवेशक कहा जायेगा.
कही Investor तो share को 5-10 साल तक होल्ड करके रखते हैं और सही समय आने पर उसे बेचकर प्रॉफिट कमाते हैं.
यह एक ऐसा market होता हैं जहा shares को ख़रीदा या बेचा जाता हैंI यह कोई आम बाजार नहीं होता क्यों की यहां लाखो करोडो का निवेश (Invest) लोगो द्वारा किया जाता हैं.
इस market को कही और नामो से भी जाना जाता हैं जैसे, जैसे Share bazar, share market, Equity Market, Wealth Market, stock market इत्यादि. इस बाजार का मुख्य उद्देश पैसा कमाना होता हैं, क्यों की यहां बड़ी कंपनिया अपने share जारी करती हैं जिससे की लोग उन कंपनी के share को ख़रीदे और कंपनी मे इन्वेस्ट करें.
इसमें यदि कंपनी को आगे जाके मुनाफा होता हैं तो उसका लाभांश share खरीदने वाले यानी निवेशकों को भी होता हैं और अगर कंपनी घाटे मे चली गयी तो इसका नुकसान दोनों को उठाना पड़ता हैं.
लेकिन यदि आप सही जानकारी प्राप्त करके इसमें पैसा Invest करते हैं तो आप Share market मे लाखो करोडो रूपये कमा सकते हैं.
शेयरों के लेन-देन की प्रक्रिया
शेयरों की खरीद-बिक्री दो तरीकों से की जाती है—
- ब्रोकर के मध्याम से share खरीदना
- शेयर होल्डर से अथवा सीधे कंपनी से शेयरों को खरीदना
ब्रोकर के मध्याम से share खरीदना – कंपनियाँ, जो स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध हैं, उनके शेयर स्टॉक एक्सचेंज में खरीदे या बेचे जाते हैं।
निवेशक ब्रोकर के माध्यम से स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध शेयरों की खरीद तथा बिक्री कर सकता है।
शेयर होल्डर से अथवा सीधे कंपनी से शेयरों को खरीदना – इस तरीके में निवेशक अन्य शेयर होल्डर से अथवा सीधे कंपनी से शेयरों को खरीद सकता है।
जब कंपनी पहली बार अपने शेयर आम निवेशकों के समक्ष प्रस्तुत करती है और निवेशकों (Investors) को शेयर खरीदने का मौका उपलब्ध कराती है तो उसे ‘इनीशियल पब्लिक ऑफर’ कहते हैं। उसके बाद आने वाले सारे ऑफर पब्लिक इश्यू कहलाते हैं।
निवेशकों को खरीदने के लिए प्रस्तुत किए जानेवाले शेयर या तो कंपनी द्वारा जारी किए गए नए शेयर हो सकते हैं या कंपनी अपने हिस्से के शेयरों का कुछ भाग पब्लिक के लिए प्रस्तुत कर सकती है। इस प्रकार ‘शेयर’ कंपनी द्वारा आम निवेशक से पूँजी उगाने का एक औजार होता है।
शेयर क्यों जारी किए जाते हैं?
कंपनी को अपने बिजनेस के लिए बड़ी मात्रा में धन की आवश्यकता होती है और यह आवश्यकता चुनिंदा लोगों द्वारा पूरी नहीं की जा सकती। अतः कंपनी अपना बिजनेस फैलाने तथा व्यापार चलाने के लिए कॉरपोरेट स्ट्रक्चर बनाकर, बड़ी संख्या में लोगों को शामिल कर उन्हें share बेचती है तथा पूँजी हासिल करके अपने उद्देश्यों को पूरा करती है।
किसी सूचीबद्ध पब्लिक लिमिटेड कंपनी के Share को खरीदना निवेशक (Investor) के लिए अच्छा चुनाव साबित होता है; क्योंकि इसके सदस्यों की संख्या 50 से अधिक होती है तथा इसके शेयरों की बिक्री पर कोई प्रतिबंध नहीं होता है।
निवेशक अपनी इच्छा व विवेक के अनुसार किसी कंपनी के शेयर खरीदकर अच्छी कीमत आने पर बाद में उन्हें बेच सकता है। इस प्रकार वह लाभ कमा सकता है या Invest के किसी भी विकल्प में यह धन लगा सकता है।
जब तक निवेशक शेयर होल्ड करता है, तब तक वह शेयर पर दिए गए डिविडेंड का अधिकारी होता है और शेयरों से जुड़े खतरों में यह शामिल होता है, मतलब की यदि कोई कंपनी अपना व्यापार समेटती है तो शेयरधारकों को सबसे अंत में share का भुगतान किया जाता है।
नियमतः ऐसी अवस्था में कंपनी अपनी सारी देनदारियाँ चुकता करने के बाद बचे हुए धन को शेयरधारकों को बाँटती है।
व्यावहारिक तौर पर अधिकांश मामलों में देनदारी या आर्थिक जिम्मेदारी चुकता करने के बाद कंपनी के पास कोई धन नहीं बचता हैं इसलिए शेयरधारकों (शेयर होल्डर्स) को कंपनी से कुछ नहीं मिल पाता हैं.
किसी शेयरधारक की कंपनी में सीमित जिम्मेदारी होती है—अर्थात् उसके द्वारा खरीदे गए Share की एवज में जो धन वह कंपनी को चुकाता है, उसके अतिरिक्त किसी भी स्थिति में कंपनी उससे अतिरिक्त धन की माँग नहीं कर सकती।
इस प्रकार कंपनी बंद होने की स्थिति में इक्विटी शेयर होल्डर्स को सबसे ज्यादा नुकसान होता है, क्योंकि उसे इन्वेस्ट किया पैसा वापस नहीं मिलता।
Daily Invest और daily share व्यवसाय में दूसरे तरह की जोखिम (रिस्क) रहती है। इसलिए यह संभव है कि जब कोई व्यक्ति किसी दर (रेट) पर कंपनी के शेयर खरीदता है, और उसके बाद यदि शेयर बाजार में गिरावट आ जाए तो उसके शेयरों की कीमत घट जाती है। और तब इन दरों पर share (शेयर) बेचने पर निवेशकों को नुकसान होता है।
इसके विपरीत, शेयरों की कीमत में वृद्धि होने पर शेयर बेचे जाएँ तो हमें लाभ होता है।
आपने क्या सीखा
इस आर्टिकल मे आपने Share क्या हैं, इसके लें दें की प्रक्रिया क्या हैं और Share क्यों जारी किये जाते हैं इसके बारे मे जानकारी हासिल की.
मुझे उम्मीद हैं आपको शेयर के बारे मे यह जानकारी पसंद आयी होगी और आपको इससे Share क्या हैं इसका पर्याप्त नॉलेज मिल गया होगा.
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